Bhagya Varta
Rudraksh
 1 Mukhi Rudrakhsa
 2 Mukhi Rudrakhsa
 3 Mukhi Rudrakhsa
 4 Mukhi Rudrakhsa
 5 Mukhi Rudrakhsa
 6 Mukhi Rudrakhsa
 7 Mukhi Rudrakhsa
 8 Mukhi Rudrakhsa
 9 Mukhi Rudrakhsa
 10 Mukhi Rudrakhsa
 11 Mukhi Rudrakhsa
 12 Mukhi Rudrakhsa
 13 Mukhi Rudrakhsa
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 15 Mukhi Rudrakhsa
 16 Mukhi Rudrakhsa
 17 Mukhi Rudrakhsa
 18 Mukhi Rudrakhsa
 19 Mukhi Rudrakhsa
 20 Mukhi Rudrakhsa
 21 Mukhi Rudrakhsa
 
 
७ मुखी रुद्राक्ष
 
– सात मुखी रुद्राक्ष को अंग्रेजी मे seven mukhi,saat mukhi और Seven face rudraksha beads कहा जाता है! सात मुखी रुद्राक्ष सप्त ऋषि और सप्त मात्रिका के प्रतिक है !
 
 सप्त ऋषि ब्रह्माण्ड के सात प्रमुख ऋषि है ! सप्त मात्रिका को सात देवी और मा कहा जाता है! यहां तक कि सप्त मात्रिका देवता का भी माता माना जाता है ! सम्पूर्ण रुद्राक्ष भगवान शिव हि है और ये रुद्राक्ष भगवान शिव जी सप्त मात्रिका और सात ऋषि के साथ विराजमान है !इसलिए ये रुद्राक्ष बिशेष माना जाता है ! जो मनुस्य साथ मुखी रुद्राक्ष को धारण और पुजा करता है उसको सप्त मात्रिका,सप 381;त ऋषि और शिव पार्वती के सदैव कृपा होता है ! हमारे हिन्दु ग्रन्थ मे येही लिखा है स्वोयम शिव जी अपने पुत्र कुमारसे ये कहा है कि मे सम्पूर्ण जगत के हितार्थ रुद्राक्ष हि हु! जो मनुष्य रुद्राक्ष पुजा और गले मे धारण करता हो मे उसके हित के लिए सदैव तत्पर हुँगा! ये रुद्राक्ष बुरा रास्ता छोडकर सकारात्मक रास्ता चल्ने का फल और बरदान प्रदान करता है ! किसी भी रुद्राक्ष को पुजा और धारण करने से मनुष्य ने किया हुवा सम्पूर्ण पाप नाश होता है ! ये रुद्राक्ष सम्पूर्ण ग्रह दोष भी माफ करने वाला होता है और उसमे बिशेष पुजा और सदभाव होना चाहिए ! सात मुखी रुद्राक्ष सम्पूर्ण किया हुवा कार्य जैसे पुजा,धर्म,कर&# 2381;म,काम,यज्ञ और किसी भी धर्म और सकारात्मक हित विचार को सिद्ध प्रदान करता है ! ये रुद्राक्ष मोक्ष प्रदायक है! सप्त मात्रिका माता के कृपा से ये रुद्राक्ष बिशेष पुजा और सप्त मात्रिका पुजा करने से रोग से असानी से मुक्ति मिलता है ! ये रुद्राक्ष धारणकर्ता को सप्त ऋषि,सप्तमात 381;रिका,भगवान शिव पार्वती,गणे 358; ,विष्णु,दुर्&# 2327;ा,कुमार बिशेष रुप से दैनिक पुजा करने से संसार बन्धन मे दुख नही होगा और वो मनुष्य सबका पुजनीय होता है !सात मुखी रुद्राक्ष केवल सात धार (धारी) होता है ! एदी ये रुद्राक्ष मे सात से ज्यादा और काम धार हुवा तो ये रुद्राक्ष को साथ मुखी रुद्राक्ष नही कहलाता है!